Wednesday 15 August 2018

किस्मत

72वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में उसे पाकिस्तान की जेल से रिहा किया गया था।जब वो पकड़ा गया,जवान था, जब बाहर निकला उसकी सारी उम्र खर्च हो चुकी थी। जब वो अपने गांव पहुंचा, उसकी पत्नी ने भावातिरेक से उसे उपालम्भ देते हुये कहा - "अब आये हो विदा की बेला में ?"
उसने जवाब दिया - किस्मत ने विदा की बेला में मिला दिया , ये क्या कम है? खुश हूँ कि बदकिस्मती में सरबजीत से कमतर हूँ, जो सुर्खियों में तो रहा, मगर लौटकर अपनी बूढ़ा पत्नी के झुर्रीदार गालों पर उतरती सुर्खी कभी न देख सका।"

Twinkle Tomar

No comments:

Post a Comment

रेत के घर

दीवाली पर कुछ घरों में दिखते हैं छोटे छोटे प्यारे प्यारे मिट्टी के घर  माँ से पूछते हम क्यों नहीं बनाते ऐसे घर? माँ कहतीं हमें विरासत में नह...