हर पुरुष की
सफलता के पीछे
सदैव रहा
एक स्त्री का हाथ !
पर एक स्त्री अकेली ही
लड़ती रही
सफलता पाने के लिये,
क्योंकि पुरुष के अहम को
कभी भाया ही नहीं
उसके पीछे खड़े रहना !
~ टि्वंकल तोमर सिंह
1. नौ द्वारों के मध्य प्रतीक्षारत एक पंछी किस द्वार से आगमन किस द्वार से निर्गमन नहीं पता 2. कहते हैं संयोग एक बार ठक-ठक करता है फिर मुड़ कर...