Saturday 17 February 2018

जब चिट पकड़ी गई।

जब चिट पकड़ी गई !

बोर्ड एक्ज़ाम की फ्लाइंग स्क्वाड की ड्यूटी में लड़कियों की अच्छे से अध्यापिका द्वारा तलाशी ली जा रही थी।लाइन में खड़ी एक लड़की ने तलाशी के बाद जाने वाली अन्य लड़की को एक चिट चुपके से स्मगल कर दी।अध्यापिका की चील सीसी टीवी नज़र में पूरा वाक़या क़ैद हो गया। झपट कर स्मगलिंग का माल बरामद किया गया।

चिट पढ़ने पर ज्ञात हुआ सामाजिक विज्ञान के पेपर में सामाजिक होने के चक्कर में ये किसी लड़के को लिखा गया भावों के भरपूर मसालों से युक्त एक प्रेम पत्र था। अध्यापिका का खून खौल गया। पेपर में चिट बना कर लाती तो लगता कि फ़ेल होने का डर है ।पर चलो पढ़ने में दिमाग तो है। यहां तो प्रेम शास्त्र का अध्याय पढ़ा जा रहा था।

ये सिद्ध करने के लिये कि 600 बच्चों की तलाशी के दौरान थोड़े से और मानव सीसी टीवी वहां तैनात किये जायें।अन्यथा सघन तलाशी के बावजूद ऐसे चिट चैट घोटाले की कोई गारंटी नही है, अध्यापिका ने चिट प्रिंसिपल को सौंप दी।

प्रिंसिपल ने चश्मा लगा कर पूरे ध्यान के साथ चिट का अध्ययन किया।फिर मुस्कुरा के बोले - "चलिये ठीक है, कुछ तो श्रृंगार रस साहित्य लिखना ही सीख रही है।"

Teachers will be teachers ! 😂

Twinkle Tomar

Wednesday 14 February 2018

Valentines Day

Valentines Day

रूह के कटोरे में,
थोड़ी सी राख इश्क़ की रख लो !
ये राख मांजती रहेगी तुम्हें,
और नूरे-ख़ुदा बन चमकते रहोगे तुम !

Twinkle Tomar

Friday 9 February 2018

चॉकलेट डे

Chocolate Day
मैं कक्षा चार में पढ़ती थी। हमारे स्कूल में फेट लगा था। बच्चों के द्वारा कुछ स्टॉल लगाए गए थे।कहीं मटर, कहीं छोले, कहीं समोसे कहीं छोटे छोटे खिलौने इत्यादि बिक रहे थे।

मेरे ही क्लास के एक लड़के ने भी एक स्टॉल लगाया था। पानी से भरी बाल्टी की पेंदी में एक चूड़ी पड़ी हुई थी। चवन्नी बाल्टी के अंदर ऐसे डालनी थी कि वो चूड़ी के अंदर जाए, बाहर नही। अगर चवन्नी बाल्टी के अंदर चली जाती थी, तो बदले में एक चॉकलेट मिलती थी।

वो चॉकलेट भी काफी अलग सी थी। उसका आकार गोल था ।सुनहरे रंग के रैपर से ढकी हुई थी।और उस पर एक रुपये का सिक्का बना हुआ था ।

चॉकलेट वैसे भी एक luxrious item होता था जो जेबख़र्च के लिये रोज़ मिलने वाली चवन्नी में नही आती थी। सालों में कभी कधार कोई विशेष सुअवसर पर एक चॉकलेट मिलती थी जिसमें हम चार भाई बहनों का हिस्सा लगता था।

मेरा बाल मन उसी चॉकलेट में अटक गया।मुझे लगा ये तो बेहतरीन अवसर है चवन्नी में एक रुपये की चॉकलेट पाई जा सकती है। उस दिन मुझे और मेरी छोटी बहन को ढाई ढाई रुपये मिले थे मेले के लिये,जिसमें से चार रुपये हम खाने पीने में उड़ा चुके थे।

मैं भी अपनी बहन के सामने ख़ुद को शूरवीर साबित करने का मौका गवाना नही चाहती थी।मैंने कहा -" ये तो मेरे बाएं हाथ का खेल है।तुम बस देखती जाओ।"

मैंने चवन्नी निकाली और बाल्टी में डाल दी। गड़प गड़प करती चवन्नी नीचे अपनी यात्रा पर चल निकली। मगर मैं अर्जुन तो थी नही।मछली की आंख पर नही आंखों की काजल रेखा के बाहर तीर जा गिरा।

मेरा हौसला अब भी बरक़रार था।मैंने एक और चवन्नी अपने बटुवे से निकाली। मेरी इकोनॉमिस्ट बहन ने संदेह की दृष्टि से देखा। पर मैंने कहा- "अरे कुछ नही छुटकी , समझो अठन्नी खर्च करके एक रुपये की चॉकलेट मिली।"

पर इस बार भी मेरी चवन्नी चूड़ी का चक्रव्यूह भेद नही पायी। पर मेरे अंदर के वित्त मंत्री को अभी भी बज़ट संभाल लेने की पूरी आशा थी। एक और चवन्नी स्वाहा हुई।हम 75 पैसे के नुकसान पर थे।

अब मेरा मन मायूस हो चला था। मेरी बहन को मेरी कलाकारी की सारी कलई समझ आ गयी थी।उसने मेरी फ्रॉक पकड़ के घसीटते हुये कहा- "चलो दीदी , हम बेवकूफ बन रहे है। चवन्नी इसमें जाएगी ही नही।"

बहन और सहपाठी लड़के के सामने फिसड्डी धनुर्धर साबित होने का प्रेशर मेरे ऊपर क़ायम हो चुका था। मैंने सारे देवताओं को स्मरण किया। हनुमान जी को याद दिलाया - " कौन सो काज कठिन जग माहीं, जो नही होत तात तुम पाहीं।"
मेरे अंदर युधिष्ठिर की आत्मा आ चुकी थी जो मेरी आखिरी चवन्नी भी दाँव पर लगा कर खुद द्रौपदी को खोने जैसा अनुभव करने लगी।

अब हम कंगाल हो चुके थे।मेरी आँखों मे आंसू आ गये।मेरी बहन को गुस्सा तो बहुत आया, पर मुझे मायूस देखकर बोली-" दीदी चुप हो जाओ, मैं मम्मी पापा को कुछ नही बताऊंगी।"

लड़कियों के आँसुओं में ब्रह्मास्त्र जितनी शक्ति होती है। जब सारे तीर विफल हो जायें, तब इनका प्रयोग अचूक रहता है।

मेरा सहपाठी कोई अपवाद थोड़े ही था जो लड़की के आंसू देखकर न पसीजता।उसके दिल की सारी मोम अंततः पिघल ही गयी।उसने बाल्टी में ही पड़ी एक चवन्नी उठायी और चूड़ी के अंदर डाल दी। और मुस्कुराते हुये एक चॉकलेट मुझे दे दी।मेरा लालची बालमन मना नही कर सका क्योंकि एक रुपये का नुकसान मेरे लिये बहुत बड़ा था। मैंने आंसू पोछे,मुस्कुराकर उसे थैंक यू बोला और बहन का हाथ पकड़ कर वहां से चली गयी।

उस चॉकलेट ने मेरी और उसकी दोस्ती और गहरी कर दी थी।

ये था मेरा अब तक का सबसे प्यारा चॉकलेट डे !
#ChocolateDay
Twinkle Tomar







Wednesday 7 February 2018

रोज़ डे

रोज़ डे

"अरे ये क्या...इतने सारे गुलाब?"

"हां आज कुछ रोज़ डे है। सब फूल खरीद रहे थे। मैंने भी ले लिये।"
साइकिल दीवार से लगाते हुये उसने कुछ सकुचाते हुये शरमाते हुये कहा।दूसरों को देखकर उसे भी शौक जागा था इसलिये उसने अपनी पत्नी के लिये फूल ले लिये थे।वैसे भी उसके लिये कभी कहाँ कुछ खरीद पाता है।

पत्नी के अंदर बसी प्रेमिका की आत्मा ने  लाल गुलाबों में बसी प्यार की लाली को महसूस किया, खींच कर भरपूर खुशबु भर ली अपनी सांसों में ।उसके मन ने अंदर ही अंदर भरतनाट्यम किया। पर तुरंत ही उसके अंदर की गृहस्थन जाग गयी ।

एक आह के साथ उसने गुलदस्ता एक किनारे रखते हुये कहा- "अरे इससे अच्छा गुलाब जामुन ले आते। रोज़ डे से तो अच्छा माता जी और राजू के साथ "गुलाब जामुन डे" हो जाता !

Twinkle Tomar

Monday 5 February 2018

दायरे


बस यूं कि ख़ुद को महफूज़ रखना था
दायरे गहरे कर लिये है अब और ज़्यादा
Twinkle Tomar 

द्वार

1. नौ द्वारों के मध्य  प्रतीक्षारत एक पंछी किस द्वार से आगमन किस द्वार से निर्गमन नहीं पता 2. कहते हैं संयोग एक बार ठक-ठक करता है फिर मुड़ कर...