वस्त्र मूक होते हैं
यदि वस्त्र बोल सकते
तो कहते
क्षमा करिये
हम आत्मा पर लगे दाग़
नहीं छुपा सकते !
टि्वंकल तोमर सिंह,लखनऊ।
1. नौ द्वारों के मध्य प्रतीक्षारत एक पंछी किस द्वार से आगमन किस द्वार से निर्गमन नहीं पता 2. कहते हैं संयोग एक बार ठक-ठक करता है फिर मुड़ कर...