एक हादसा ही
काफी होता है
शीशे को चटखाने को
टूटे और बिखरे हुये लोग
अपने हिस्सों को बटोर के
मुक़म्मल शीशा बनने की
कोशिश में रहते है,
बहुत लुभावने हो जाते है
ख़ूबसूरत और रंगबिरंगे भी,
पर साबुत शीशे की तरह नही
एक मोज़ेक की तरह !
©® Twinkle Tomar Singh
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