सड़कें जो गांव से शहर तलक सीधी जाती है कभी सोचा न था मैंने,भूलभुलैया बन जाती हैं
Twinkle Tomar Singh
1. नौ द्वारों के मध्य प्रतीक्षारत एक पंछी किस द्वार से आगमन किस द्वार से निर्गमन नहीं पता 2. कहते हैं संयोग एक बार ठक-ठक करता है फिर मुड़ कर...
No comments:
Post a Comment