अमरूद होता था एक
फाँकें होती थी चार
तबियत हरी हो जाती थी
चिट बनती थी एक
गुजरती थी हाथों से चार
पीठ स्केल से नीली हो जाती थी
अजी दोस्ती का रंग हमसे पूछिये !
Twinkle Tomar Singh
दीवाली पर कुछ घरों में दिखते हैं छोटे छोटे प्यारे प्यारे मिट्टी के घर माँ से पूछते हम क्यों नहीं बनाते ऐसे घर? माँ कहतीं हमें विरासत में नह...
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