अमरूद होता था एक
फाँकें होती थी चार
तबियत हरी हो जाती थी
चिट बनती थी एक
गुजरती थी हाथों से चार
पीठ स्केल से नीली हो जाती थी
अजी दोस्ती का रंग हमसे पूछिये !
Twinkle Tomar Singh
1. नौ द्वारों के मध्य प्रतीक्षारत एक पंछी किस द्वार से आगमन किस द्वार से निर्गमन नहीं पता 2. कहते हैं संयोग एक बार ठक-ठक करता है फिर मुड़ कर...
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