पड़ोस की छत की
मुंडेर पर से झाँकते हुये
विस्मय ने पूछा
क्यों?
आज मकर संक्रांति है
पतंग नहीं उड़ाओगी?
आँगन में सिल पर
चटनी पीसती हुई लड़की की
कुचली हुई उमंग ने पूछा,
पतंग उड़ाने के लिए
कितना आकाश चाहिये होता है?
बहुत अधिक नहीं,
बस छत भर काफी होता है।
अच्छा..?
मुट्ठी भर आकाश है मेरे पास
बताना तो
कितनी दूर पतंग जायेगी?
©® टि्वंकल तोमर सिंह
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