Monday 3 February 2020

तू प्यार है किसी और का

"अच्छा सुनो, जब  पति पत्नी का सात जन्मों का साथ होता है तो क्या मरने के बाद स्वर्ग में भी दोनों साथ साथ रहते होंगे?" हम एक शादी में गये थे। वहाँ फेरों पर पंडित जी श्लोक के साथ साथ पति पत्नी के अटूट बंधन की कथा भी कहते जा रहे थे। मेरे मन अचानक से प्रश्न उठा। मैंने पास ऊँघ रहे पति के कान में फुसफुसा कर पूछा। 

पति ऐसे चौंके जैसे उन्हें कोई शौक ( अंग्रेजी वाला) लगा। " क्या कहती हो,जान...मरने के बाद भी साथ रहोगी क्या?" 

"उँह...ये पंडित जी ही कह रहे है सात जन्मों का साथ है पति पत्नी का। क्यों पंडित जी?" मैंने भी सोचा इनकी क्लास लगवा ही दी जाये।

"जी श्रीमान, पति पत्नी का संबंध अटूट होता है। स्वर्ग नरक सब साथ साथ ही भोगने होते हैं।"  पंडित जी ने कहा। 

पति ने लंबी सी उबासी ली। फिर कहा, " तो फिर अगर पति पत्नी मरने के बाद साथ रहते होंगे तो उसे स्वर्ग नहीं कहते होंगे।" 

पति की चुटकी पर वहाँ उपस्थित पूरा पति समाज ठहाके लगा कर हँस पड़ा। " सही बात है। अगर स्वर्ग में भी पत्नी के साथ ही रहना हो तो भैया हमें नरक में ही भेज देना।" बगल में खड़े मौसा जी एक आँख दबा कर कहा। 

अब हम सब पत्नी समाज के सदस्य एक दूसरे का मुँह ताकने लगे। लेकिन हम हार तो हरगिज़ नहीं मान सकते थे। 

मैंने कहा," अच्छा सुना तो मैंने ये भी है कि स्वर्ग में पुरुष को अप्सराएं मिलतीं हैं। " 

" हाँ हाँ... मिलती ही होगी। क्यों नही मिलेगी? शादीशुदा पति ज़िन्दगी भर इतना सब्र रखे तो उसे कुछ तो पुरुस्कार मिलना ही चाहिए।" पति अब पूरे रंग में आ चुके थे। 


" अच्छा...अब सारी बात मेरी समझ में आ गयी! " मैंने शरारत से कहा। 

"क्या समझ आ गया? " पति ने पूछा। उन्हें क्या पता था मेरे दिमाग में एक लॉजिक पक चुका था। 

" यही कि पति पत्नी स्वर्ग में ही साथ रहते है। और पतियों को अप्सरायें मिलतीं हैं वहां।" 

" चलो मान तो लिया तुमने। वरना आजकल की पत्नियाँ कहाँ आसानी से कोई बात मानती हैं।" पति बड़ी कुटिलता से मुस्कुरा रहे थे और कल्पना के गोते लगाने लगे थे....कि वो अप्सरा के संग है और पत्नी सामने खड़ी कुढ़ रही है। 

" अरे मानना ही था। पति पत्नी स्वर्ग में साथ रहते है, और वो जो अप्सराएं होतीं है न , वो अपनी नहीं दरअसल दूसरों की पत्नियां होती हैं.... एक्सचेंज ऑफर यू नो...। और जानते हो वहाँ पर बैकग्राउंड में गीत कौन सा चलता है?" शास्त्रार्थ जीतने की मुस्कान मेरे चेहरे पर फैलने लगी थी।

"कौन सा? " उनका मुँह उतरने लगा था। 

" तू प्यार है किसी और का तुझे चाहता कोई और है।" मैंने एक आँख दबा दी। अबकी बार ठहाके बारी किसकी थी आप समझ ही सकते हैं। 

टि्वंकल तोमर सिंह,
लखनऊ। 


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