Tuesday 4 February 2020

सुनो यात्री

सुनो यात्री
ये राजमार्ग का रास्ता 
परमात्मा तक नहीं जाता। 
तारकोल की चिकनी सड़क, 
वाहनों की सुगमता 
समय की अल्पता
परमात्मा तक नहीं पहुंचाती। 

परमात्मा तक पहुँचना है? 
पगडण्डी चुन लेना
और चलना नंगे पाँव

पगडंडी का बाईस्कोप देखना
दाना ढोकर ले जाती हुई चींटी, 
नन्हों के लिये भोजन ढूंढ़ती चिड़िया, 
पंख फैलाकर प्रेयसी को लुभाता मोर, 
पेड़ की डाल पर कूकती कोयल
तालाब पर मिट्टी लपेटे बच्चे


ये दृश्य जब कर दें
मंत्रमुग्ध कुछ यूँ
कि पैरों के नीचे नुकीले पत्थरों की 
चुभन का भान मिट जाये
तो समझना 
मिल गया परमात्मा! 


टि्वंकल तोमर सिंह,
लखनऊ। 

चित्र: साभार गूगल

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