काश कि कुछ दिन उम्र पर भी लॉक डाउन लग जाता
बीतती जा रही है, हर दिन एक नयी उदासी थमा कर
® टि्वंकल तोमर सिंह,लखनऊ।
1. नौ द्वारों के मध्य प्रतीक्षारत एक पंछी किस द्वार से आगमन किस द्वार से निर्गमन नहीं पता 2. कहते हैं संयोग एक बार ठक-ठक करता है फिर मुड़ कर...
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