Friday 20 November 2020

हाऊ आर यू



हाय (hi) के बाद इनबॉक्स में सबसे अधिक पाया जाने टेक्स्ट है - "हाऊ आर यू" ! 

और मज़े की बात ये है कि परिचितों को तो सुध लेने कभी सुध रहती नहीं, पर अपरिचितों को इतनी चिंता रहती है, गाहे बगाहे पूछते रहते हैं- हाऊ आर यू। 

दरअसल ऐसा टेक्स्ट भेजने वालों के अंदर समाज कल्याण विशेषकर स्त्री कल्याण की भावना कूट कूट कर भरी होती है। इन्हें लगता है अगर हर चौथे दिन इन्होंने महिला के इनबॉक्स में जाकर न पूछा 'हाऊ आर यू' तो महिला इनके विरह में कहीं किसी प्रकार के रोग से ग्रस्त न हो जाये। 

और इधर इनका संदेश देखकर ,मुस्कुराकर हम सोचते हैं कि अब इन्हें हम क्या बतायें कि कैसे हैं हम? 
सामान्यतः आशा यही की जाती है कि 'कैसे हो' का जवाब 'अच्छी हूँ/अच्छा हूँ' ही होना चाहिये। 

पर मन कहता नहीं झूठ नही बोलो। 
इन्हें बता ही दो आज सुबह आटा ख़त्म हो गया था, पति ख़ाली पेट एसिड के प्रभाव में आकर तुरन्त दुर्वासा बन गये, और किसी प्रकार बिन बटर के ब्रेड निगल कर बड़बड़ाते हुये निकल गये।

मन करता है बता दो अरे कहाँ अच्छी हूँ 
दो दिन से कामवाली छुट्टी पर है। झाड़ू पोछा बर्तन करते करते कमर दर्द, सर दर्द, बुखार सब आ गया है। अब संध्या को खाना बनाना भी मुश्किल है। कोरोना के कारण बाहर का खाना खा नहीं सकते।

मन करता है इन्हें बता ही दूँ
 विद्यार्थियों के ऑनलाइन टेस्ट के मात्र 600 पेजेस की पिक्चर्स ज़ूम करके चेक करने के लिये पड़ी हैं। जिन्हें देखकर ही माइग्रेन उठ जा रहा है।

मन करता है बता ही दूँ
यहाँ दिन भर डायरेक्ट इनडाइरेक्ट नरेशन पढ़ाने के बाद किसी और कन्वर्सेशन की ऊर्जा शेष नहीं रहती। घर लौटने पर पति, सास, पड़ोसी जैसे ही मेरा हाल पूछते हैं, मेरी तो 'हाय' ही निकल जाती है, फिर ये जो इनबॉक्स में बीस 'हाऊ आर यू' पड़े रहते हैं उनका क्या उत्तर दूँ। 

अरे हाल पूछना ही है तो निदान भी तैयार रखो। ये जो सुबह शाम इनबॉक्स में 'हाऊ आर यू' ठेले रहते हो, उससे इनबॉक्स में लगे जालों तक की सफाई तो होती नहीं, बाकी की क्या कहें। 

~टि्वंकल तोमर सिंह,लखनऊ। 





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