Monday 4 July 2022

रैंप पर योगिनी


रैंप पर योगिनी
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वो ऊपर की सीढ़ियों से धड़-धड़ करते हुए उतरी। एक खाली तसले के साथ जिसमें नीचे से उसे बालू या मसाला या गिट्टी जैसा कुछ भरकर ऊपर ले जाना होगा। हम होटल की तीसरी मंजिल पर थे। होटल के दूसरी तरफ निर्माण कार्य चल रहा था। मैंने एक मित्रवत मोहित मुस्कान से उसे वहीं रोक लिया था। 

मुझे नहीं पता उसे यह परिधान कहाँ से मिला। किसी ने उसे दया दिखाते हुये दान में दे दिया या उसकी तरफ ऐसे ही परिधान पहनने की परंपरा है। पर उसका परिधान, उसका इसे पहनने का सलीका मुझे इतना अच्छा लगा कि उसके आगे मुझे अपने महँगे कपड़े भी तुच्छ लगने लगे। मजदूरी करते हुये भी कोई इतना फैशनेबल लग सकता है? मैंने जैसे संकोच से अपना पैर ही नहीं सम्पूर्ण देह संकुचित कर ली। वो आत्मविश्वास के पूरे शृंगार के साथ वहाँ दृढ़ता से खड़ी थी। 

मैंने जब उससे पूछा- क्या मैं तुम्हारी फ़ोटो खींच सकती हूँ? वह पहले तो समझ ही नहीं पायी, फिर थोड़ा झिझकी। एक अपरिचित के प्रति इतना संकोच तो रहना ही था। फिर बोली -  "ठीक है।" आत्मविश्वास की संपदा जैसे वाष्पित होने लगी थी। वह एकदम सावधान की मुद्रा में हाथ सीधे करके खड़ी हो गयी। चेहरा एकदम गंभीर, मुस्कान की एक भी तिर्यक रेखा नहीं।  मैंने कहा- "अरे आराम से खड़ी हो..जनगण मनगण नहीं गाना है। चलो, कुछ अच्छा सा पोज़ बनाओ।" 

उसे अपरिचित में मित्र दिखा। उसने अपने शरीर को ढीला छोड़ा और कृष्ण भगवान की तरह त्रिभंगी मुद्रा बना कर खड़ी हो गयी। उसने कहाँ से ये मुद्रा बनाना सीखा , मैंने नहीं पूछा। बस मन ही मन उसका रसास्वादन कर लिया। उस समय, उस क्षण वो मेरे लिये संसार की सबसे सुंदर नारी थी। या यूँ कहूँ... सबसे सुघड़ मॉडल ! 

मैंने एक चित्र क्लिक किया। उसका चेहरा एकदम गंभीर था। मैंने हँसी के कीटाणु बिखेरे - "थोड़ा मुस्कुरा भी दो।"

अबकी बार इस चित्र में उसकी हल्की सी मुस्कान पकड़ में आ गयी। 

लड़की से उम्र नहीं पूछते। मैंने भी नहीं पूछी। उम्र शायद 16-17 के आसपास होगी। इस वय में क्या उसने तसले की जगह बस्ते की कामना नहीं की होगी? 

क्या भारी रहा होगा? किताबें उसके मस्तिष्क पर या निर्धनता उसके परिवार पर ? मन प्रश्नों में उलझ गया। इच्छा जागी इसके लिये कुछ कर दूँ। 

वो तो एक तरंग की तरह मेरे जीवन में आयी थी। मुझे इस तस्वीर का उपहार देने। साथ ही एक भार देकर वह निर्मोही योगिनी पुनः धड़ धड़ करते हुये अपने रैंप पर वॉक करते हुये चली गयी। 

टि्वंकल तोमर सिंह
लखनऊ। 

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