वह प्रेम में था
उसने कहा
तुम नहीं जानती हो
तुम क्या हो..
उसने बहुत प्रयास किया
फिर वह जान गई
'मैं क्या हूँ..'
अब उसने कहा
तुम अहंकारी हो...
वह अब भी प्रेम में है
स्वयँ के !
~टि्वंकल तोमर सिंह,लखनऊ।
1. नौ द्वारों के मध्य प्रतीक्षारत एक पंछी किस द्वार से आगमन किस द्वार से निर्गमन नहीं पता 2. कहते हैं संयोग एक बार ठक-ठक करता है फिर मुड़ कर...
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