Friday 29 January 2021

आस के पंछी

आस के कुछ पंछी
जीवन भर निराश 
करते रहते हैं..
पिंजरे में पंख 
फड़फड़ाते रहने से
आकाश नहीं 
नापा जा सकता !

टि्वंकल तोमर सिंह,लखनऊ। 

No comments:

Post a Comment

द्वार

1. नौ द्वारों के मध्य  प्रतीक्षारत एक पंछी किस द्वार से आगमन किस द्वार से निर्गमन नहीं पता 2. कहते हैं संयोग एक बार ठक-ठक करता है फिर मुड़ कर...