कितने दफ़ा/न मालूम/ये धरा धुरी पर घूम गयी
कुछ किरचें/पांव के नीचे जमा थी/जमी ही रही
#दर्द_के_झरोखे_से
Twinkle Tomar
कुछ किरचें/पांव के नीचे जमा थी/जमी ही रही
#दर्द_के_झरोखे_से
Twinkle Tomar
1. नौ द्वारों के मध्य प्रतीक्षारत एक पंछी किस द्वार से आगमन किस द्वार से निर्गमन नहीं पता 2. कहते हैं संयोग एक बार ठक-ठक करता है फिर मुड़ कर...
No comments:
Post a Comment