Wednesday, 18 July 2018

सीढ़ियां

वो सीढ़ियां
जो दिखती तो थी
जाती हुई कहीं
पर पहुंचती कहीं नही थी
उनकी पहली ही
पायदान पर लिखा था
इन पर चढ़ना मना है !

वो स्त्रीरूपा
बौनी सी इन सीढ़ियों
के सामने
ठिठकी सी देखती है
जिसे जाने की चाह तो है
कहीं ऊपर
पर उसके पहले ही
कदम पर लिखा है
उसे आगे जाना मना है!
Twinkle Tomar

No comments:

Post a Comment

रेत के घर

दीवाली पर कुछ घरों में दिखते हैं छोटे छोटे प्यारे प्यारे मिट्टी के घर  माँ से पूछते हम क्यों नहीं बनाते ऐसे घर? माँ कहतीं हमें विरासत में नह...