Friday 10 August 2018

प्रेम

प्रेम
जैसे कि एक पेड़ में छुपी हों
जितनी भी अदृश्य कलियाँ
एक साथ खिल गयीं हों

जैसे कि गुलाबजल का मर्तबान हो
और ढक्कन खोलने के प्रयास में
फिसल कर टूट गया हो

जैसे कि एक बुझ चली आग हो
किसीे के अनजाने में गुग्गल डाल देने से
बलखाता धुआं उठा हो

जैसे कि उसने दिया हो
झूठा प्याला हल्के मीठे शर्बत का
अमृत का स्वाद मिला हो

Twinkle Tomar



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