उसकी नीली आंखें
सप्तऋषि तारों के चूर्ण से
बने अलौकिक अंजन से दमकती हैं
उसकी मुस्कान में
रहस्यों की असंख्य सितारा मछलियां
ओष्ठ के इस छोर से उस छोर तक मचलती हैं
उसके अनसुलझे बालों को
किसी केश विन्यास में बंधने का लालच
वन में चुपचाप खिला कोई पुष्प नही दे सका है
प्रेम में आसक्त
माला फेरती एक जोगन से
दिव्य व दीप्त इस सृष्टि की कोई कृति नही है
Twinkle Tomar
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