वक़्त चुराता जाता है
साल जिंदगी से
खबर भी नही होती
और सब हासिल होने के बाद
बस वक़्त ही खर्च हो जाता है
हमारी तिज़ोरी से।
कहते है
आईना झूठ नही बोलता
पर वो ये भी नही बताता
कि जो आज सच है
वो आने वाले कल का
सच नही होगा
उम्र चुरा ली जाएगी
चेहरे की लकीरों से।
सच बोलूं
तो सब झूठे हैं,
फ़रेबी है
हाथों की उंगलियां
जब उंगलियों में फंसी हों,
कान में एक एक इअर प्लग लगाये
हम रात के अंधेरे में बिस्तर पर लेटे हुए
जब " तुम..पुकार लो" वाला गाना सुनते है,
बस वही लम्हा सच है।
जब मैं कहूँ...
ये गाना जान ले लेता है...
और तुम उस गाने को
उसी लय में व्हिसल करने लगो...
तो लगता है..
वक़्त की भी क्या औकात
जो मेरे साल चुरा ले...
झूठ बोलता है आईना
कि उम्र खर्च हो रही है...
मैं तो अब भी वही हूँ...
कशमकश भरे कदम रखते हुए,
हाथों में मेघदूत पकड़े....
भारी पलकों को थामे हुई आंखें लिए..
और तुम वही हो
मेरा इंतज़ार करते हुए...
©® Twinkle Tomar Singh
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