हमारा घर बंद गली का आख़िरी घर था। लोग गली सुनसान पाकर हमारे घर के बाहर की नाली में मूत्र विसर्जन कर जाते थे, जिससे हमारी बाउंड्री वाल भी गंदी हो जाती थी। जब भी मैं घर से बाहर निकलती तो भीगी हुई दीवार देखकर मेरा ख़ून खौल जाता।
हमने इस समस्या से छुटकारा पाने के सारे प्रयास कर डाले , पर सब विफल रहे।
अंततः हमने बाहरी दीवार पर एक स्लोगन लिख दिया और साथ में नींबू और हरी मिर्च भी टाँग दिये।
स्लोगन था - ओ स्त्री कल आना !
और यह काम कर गया। ऊपरी शक्ति के श्राप के भय ने इस समस्या को हल कर दिया।
Twinkle Tomar Singh
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ReplyDeleteAapka blog ke baare mein the lallantop youTube channel par dekha... Fan ho gaya ji.....
ReplyDeleteOoo stree aap kal nahi daily aishe blog lekar aao...