चाँद के साथ टहलने निकले थे हम
आस्माँ ने अपने लाल को ढाँप लिया
बादल के कंबल से, कहा
यूँ सिरफ़िरे संग आवारागर्दी नही करते
Twinkle Tomar Singh
1. नौ द्वारों के मध्य प्रतीक्षारत एक पंछी किस द्वार से आगमन किस द्वार से निर्गमन नहीं पता 2. कहते हैं संयोग एक बार ठक-ठक करता है फिर मुड़ कर...
No comments:
Post a Comment