Sunday 31 March 2019

आवारागर्दी

चाँद के साथ टहलने निकले थे हम
आस्माँ ने अपने लाल को ढाँप लिया
बादल के कंबल से, कहा
यूँ सिरफ़िरे संग आवारागर्दी नही करते

Twinkle Tomar Singh

No comments:

Post a Comment

द्वार

1. नौ द्वारों के मध्य  प्रतीक्षारत एक पंछी किस द्वार से आगमन किस द्वार से निर्गमन नहीं पता 2. कहते हैं संयोग एक बार ठक-ठक करता है फिर मुड़ कर...