Friday 26 April 2019

पिया मोरे दीपिका के दीवाने

"तुम पर सिर्फ़ मेरा अधिकार है....प्लीज़ मुझे छोड़ कर मत जाओ...".सुबह हुई ही थी। मैं बिस्तर छोड़ कर अपनी चप्पल ढूंढ रही थी कि इनकी हल्की हल्की आवाज़ मुझे सुनाई दी। गौर से सुना तो मालूम पड़ा वो नींद में फुसफुसा रहे थे। मैं बड़ी खुश वाह मुझे कितना प्यार करते है ये। इनको सोते सोते भी ये एहसास है कि मैं उठ गई हूं और इनको छोड़ कर जा रही हूँ। सच कहूँ तो कसम से अपनी क़िस्मत पर इतना नाज़ कभी नही हुआ था। अचानक मुझे लगने लगा मेरी बहनें, मेरी सखियाँ सब प्रेम के मामले में मुझसे कितना ज्यादा ग़रीब है। गुरुर में आगे निकल आयी एक लट को कान के पीछे ले जाकर ठिकाने लगाया और अपने आपको शाहजहाँ की मुमताज़ समझने लगी।

इसके पहले कि इनका उन्मादी होकर इस तरह बड़बड़ाना पूरा घर सुन ले मैंने इन्हें जगाना उचित समझा। जैसे प्रेम में पड़े किशोर अपना प्रेम दुनिया की नज़रों से छुपा के रखते है वैसे ही कुछ मेरा हाल था। मैंने इन्हें जोर से हिलाते हुये जगाया-"क्या हो गया...क्या बड़बड़ाये जा रहे हो सपने में...मैं यहीं हूँ तुम्हारे पास...उठो देखो..." और मैंने अपना लावण्यमय लजाता हुआ चेहरा इनके चेहरे के आगे ले जा कर स्थापित कर दिया।

इनकी आँखे खुली सामने मेरा चेहरा फुल फ़ोकस में देखकर ये घबड़ा गये। अचानक अचकचा कर ये उठ बैठे। आंखें मलने लगे। मुझे पहचानकर तो इनका मुंह बन गया। आँखे लाल लाल हो गयीं। जैसे इनके सामने मुमताज़ नही सूर्पणखा आ गयी हो। उठे और बड़बड़ाना  चालू ...मुझे कोसने लगे- "तुम..तुम कहाँ से आ गयीं?....सत्यानाश हो तुम्हारा...कहीं तो मेरा पीछा छोड़ दिया करो...पता है सपने में दीपिका पादुकोण की रणवीर सिंह से शादी के छह फेरे हो गये थे..मैं उसे अपनी हीरो वाली फ़िल्मी इमोशनल स्पीच सुना रहा था। और उससे मिन्नतें कर रहा था कि वो मेरा प्यार ठुकरा कर किसी और की न हो जाये। सपने में मैं उसका हीरो था वो मेरी हीरोइन। और रणवीर विलेन जो उसे डरा धमका के शादी कर रहा था।  मेरी इमोशनल पुकार सुनकर बस वो मेरी बाहों में आने ही वाली थी कि बस......तुम थोड़ी देर बाद नही जगा सकती थी ? " मुँह बिचकाते हुये उन्होंने बोला। वैसे ही कौन सा सुंदर मुँह बनाया है भगवान जो बिचका हुआ अच्छा लगता। ये बात सुनकर तो मन हुआ कि मुँह नोच लूँ।

बुरा तो बहुत लगा मुझे कहाँ मैं सोच रही थी मुझे सपनों की रानी बना कर रखा गया है कहाँ मुझे देख कर सड़े करेले के आचार सा मुंह बनाया जा रहा है। पर मैंने भी सोचा कि जहाज के पंछी को उसकी औकात बता दी जाये कि चाहे वो जितना भी उड़ान भर ले पर समुंदर में पड़े जहाज पर ही उसे वापस आना है। शोरूम में रखी महँगी चीज़ देखकर जी चाहे जितना ललचाये, काम उसी से चलाना पड़ता है जो हमारे पास है।

मैंने अपने को कूल किया। अरे बावरी पति है तेरा फिसल गया तो क्या हुआ। शरारत से मैंने आंख मारते हुये कहा- " सपने में जिसके साथ चाहो मस्ती कर लो....मियां...जाओ बक्श दिया... पूरी छूट है तुम्हें..पर याद रखना वास्तविकता में तुम पर सिर्फ़ मेरा अधिकार है। समझे डिअर हबी ! "

Twinkle Tomar Singh

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