नृत्य करती है
सृजन में डूबी हुई
एक पृथ्वी
तो बदलते है दिन
बीतता है समय !
नृत्य करती है
अवसाद में डूबी हुई
एक नर्तकी
तो भूल जाती है
दिन,समय और काल !
Twinkle Tomar Singh
1. नौ द्वारों के मध्य प्रतीक्षारत एक पंछी किस द्वार से आगमन किस द्वार से निर्गमन नहीं पता 2. कहते हैं संयोग एक बार ठक-ठक करता है फिर मुड़ कर...
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