Friday, 17 April 2020

परिवाद

आह!
अच्छा होता यदि
ईश्वर की भी 
कोई माँ होती
उसे समझा सकती
अपने से छोटे बच्चों को
क्रीड़ा-वस्तु देकर 
छीन नहीं लिया करते

हम भी परिवाद कर सकते
बड़ी माँ, दद्दा बहुत निष्ठुर हैं !


टि्वंकल तोमर सिंह,लखनऊ। 

चित्र : साभार गूगल



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