आह!
अच्छा होता यदि
ईश्वर की भी
कोई माँ होती
उसे समझा सकती
अपने से छोटे बच्चों को
क्रीड़ा-वस्तु देकर
छीन नहीं लिया करते
हम भी परिवाद कर सकते
बड़ी माँ, दद्दा बहुत निष्ठुर हैं !
टि्वंकल तोमर सिंह,लखनऊ।
दीवाली पर कुछ घरों में दिखते हैं छोटे छोटे प्यारे प्यारे मिट्टी के घर माँ से पूछते हम क्यों नहीं बनाते ऐसे घर? माँ कहतीं हमें विरासत में नह...
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