श्वास प्रश्वास की राह से होकर
एक अदृश्य,अदृष्ट संसार पा लेना
सांसों के एकतारे को साध कर
ईश्वर को अपनी लय पर थाम लेना
आत्मा का महात्मा से योग
मन का महामन से मेल, बस
यही कुल सकल आय जीवन की
महायोग अन्ततः हर जन्म का !!
टि्वंकल तोमर सिंह,लखनऊ।
1. नौ द्वारों के मध्य प्रतीक्षारत एक पंछी किस द्वार से आगमन किस द्वार से निर्गमन नहीं पता 2. कहते हैं संयोग एक बार ठक-ठक करता है फिर मुड़ कर...
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