मृत्यु
मात्र एक ब्लैक होल से
बढ़कर कुछ नहीं
काल कोठरी में जाकर
सब एक समान हो जाते हैं
जैसे अन्धकार में लुप्तलोचन
अंतर मात्र इतना रहा
स्याह-काल में प्रवेश से पहले
कौन कितना सुदीप्त रहा !
~टि्वंकल तोमर सिंह,लखनऊ।
दीवाली पर कुछ घरों में दिखते हैं छोटे छोटे प्यारे प्यारे मिट्टी के घर माँ से पूछते हम क्यों नहीं बनाते ऐसे घर? माँ कहतीं हमें विरासत में नह...
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