Sunday 21 February 2021

शोक की टीका

विषाद के 
किसी एकाकी पल में
निकला एक शब्द
पूरी व्यथा को समेटे 
एक उपन्यास होता है..
'आह'...के करोङों संस्करण हैं
शोक... टीका एक भी नहीं !!

~ टि्वंकल तोमर सिंह,लखनऊ। 

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