Wednesday 20 July 2022

किंचित योगभ्रष्ट

अमिताभ बच्चन ने एक इंटरव्यू में कहा था - " मेरी डाइटीशियन मेरी डाइट पर स्ट्रिक्ट कंट्रोल रखती है।" यदि उनके इस कथन की गहराई में जायें, तो कुछ यूँ भाव मन में आयेंगे, इतने बड़े स्टार, इतने पैसे वाले और भोजन जैसी बुनियादी आवश्यकता के लिये किसी के आदेश का पालन करते हैं। स्वेच्छा से निर्णय ले सकने वाले इस क्षेत्र में वे स्वतंत्र नहीं। उनकी आहार-विशेषज्ञ उन्हें चावल के जितने दाने गिन कर देती है, वे बस उसी का उपभोग कर सकते हैं। सभी जानते हैं अमिताभ जी स्वास्थ्य की समस्या से जूझते रहे हैं। स्वस्थ भी रहना है और बेशुमार कार्य भी करना है तो इसके लिये एक बहुत ही छोटा सा उपाय है- अपने भोजन को नियंत्रण में रखो। कैलोरी, कॉर्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा सब संतुलन में हो और उतना ही लो जितना आवश्यक है। कम लेने से कमजोरी आती है, अधिक लेने से स्थूलता। 

शिल्पा शेट्टी का एक वीडियो देखा था, जिसमें वह कह रही थी कि मैं सब कुछ खाती हूँ। कार्बोहाइड्रेट भी लेती हूँ क्योंकि मुझे लगता है कार्ब्स के बिना शरीर में ताकत नहीं आती। शिल्पा योग की शरण में हैं। उनका अपने शरीर पर पूरा अधिकार है। शरीर पर अधिकार होने के कारण उनका अपने मन पर, चित्त पर भी पूरा अधिकार है। इस दृष्टि से वह किसी योगी से कम नहीं। इसीलिए वे संतुलन बनाना बख़ूबी जानती हैं।

सेलेब्स को इतना मेहनत करते देखते हैं। वे जिम में पसीना बहाते हैं,भोजन तरस तरस कर खाते हैं...और कहने को वे करोड़पति हैं। हम उनकी चमकती सूरत, सुघड़ शरीर में उलझे रह जाते हैं, इसके पीछे उनकी तपस्या देख नहीं पाते। आसान नहीं होता दिन-रात में बिना भेद किये कार्य करना, बेहिसाब मानसिक दबाव सहना, फिर भी शरीर को स्वस्थ रखना। ज़ाहिर है जो इस निरोध में, नियंत्रण में पारंगत नहीं हो पाते, वे दौड़ से बाहर हो जाते हैं। 

योगी और किसे कहते है? वही जो मन को काबू में करे। पर ध्यान देने योग्य बात ये है कि ये मन पर नियंत्रण कर लेते हैं, पर चित्त की वृत्तियों का (काम, क्रोध, वासना, लोभ) निरोध नहीं कर पाते। 

जब भी किसी सफल सितारे को देखती हूँ तो अनुभव होता है एक व्यक्ति जो करोड़ों लोगों को सुख दे, प्रेरित करे वह साधारण मनुष्य नहीं हो सकता। ये सब चार्ज्ड आत्माएं होती हैं। पूर्वजन्म के सुख भोगने आती हैं। जैसे कि लता जी अवश्य ही पूर्व जन्म में सुर-साधिका रही होंगी। एक व्यक्ति करोड़ों लोगों में ऊर्जा का संचार कैसे कर सकता है भला? आप अपने परिवार या व्यवसाय स्थल पर ही इतना परेशान इतने कुंठित हो जाते हैं कि अपने लिये या अपने बच्चों के लिये ऊर्जा नहीं बचा पाते। 

निश्चित ही ये सेलेब्स योगी होते हैं....पर किंचित योगभ्रष्ट! 

~ टि्वंकल तोमर सिंह

No comments:

Post a Comment

द्वार

1. नौ द्वारों के मध्य  प्रतीक्षारत एक पंछी किस द्वार से आगमन किस द्वार से निर्गमन नहीं पता 2. कहते हैं संयोग एक बार ठक-ठक करता है फिर मुड़ कर...