Saturday, 15 September 2018

चुम्बक


कहते है
अदना सा
लोहे का टुकड़ा
रूप बदल जब
चुम्बक बन जाता है
अपने से बारह गुना भारी
खालिस लोहे के टुकड़ों को
खींच लेता है

सुबह की
किरणों में नहाई
कॉफी मग में डूबी
खिड़की से आती हवा से
बाल सुखाती हुई
कुछ अदा से बैठी
अपने में मगन
एक चंचल लड़की
अनजाने ही
कई लौह पाषाण हृदयों को
अपनी ओर
खींच लेने वाली
चुम्बक बन जाती है
है न !

Twinkle Tomar

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