कहते है
अदना सा
लोहे का टुकड़ा
रूप बदल जब
चुम्बक बन जाता है
अपने से बारह गुना भारी
खालिस लोहे के टुकड़ों को
खींच लेता है
सुबह की
किरणों में नहाई
कॉफी मग में डूबी
खिड़की से आती हवा से
बाल सुखाती हुई
कुछ अदा से बैठी
अपने में मगन
एक चंचल लड़की
अनजाने ही
कई लौह पाषाण हृदयों को
अपनी ओर
खींच लेने वाली
चुम्बक बन जाती है
है न !
Twinkle Tomar
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