तुम्हारे आने की
कितनी प्रतीक्षा थी
तुम्हारा जाना
इतनी जल्दी होगा
ये भी नही पता था
अच्छा है
जाने का अर्थ
मात्र जाना होता है
दूर जाना नही
और हृदय से दूर जाना
तो बिल्कुल भी नही
फिर भी
इस औपचारिक
विदा की घड़ी में
सीली हैं आंखें
जैसे कि विदा हो
एक वधु की
हर्ष भी है,विषाद भी
हमने पढ़ा है न
अच्छे लोगों की
दुनिया को बहुत जरूरत है
इसीलिये ईश्वर उन्हें
एक जगह टिकने नही देता
भले ही
दूसरों के लिये ये
पुरुस्कार सरीखा हो
और स्वयं उस
अच्छे इंसान के लिये
दण्ड सरीखा।
मेरे भी जीवन में
कुछ अच्छे कर्मों का
पुरुस्कार हो तुम
जो सदा साथ चलते है
उपलब्धि बनकर !
स्मृति भर शेष नही हो तुम !
Twinkle Tomar
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