अमरूद होता था एक
फाँकें कटती थीं चार
तबियत हरी हो जाती थी
चिट बनती थी एक
गुजरती थी हाथों से चार
पीठ स्केल से नीली हो जाती थी
छुट्टी होती थी एक
दिन भर खेलते रहते थे चार
मम्मी लाल पीली हो जाती थीं
बाइक होती थी एक
सवार हो जाते थे चार
ट्रैफिक पुलिस लाल हो जाती थी
लड़की होती थी एक
प्रपोज कर आते थे चार
चेहरे की रंगत गुलाबी हो जाती थी
चौराहा होता था एक
मिलती थी राहें आके चार
शामें सुनहरी हो जाती थीं
अजी दोस्ती का रंग हमसे पूछिये !
Twinkle Tomar Singh
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