Thursday 7 February 2019

बेना

धरती तपती है,तो झुलाती होगी अपना बेना
झूमते क्यों भला यूँ ही, लहलहाते हुये ये पेड़

(बेना- हाथ का पंखा)

Twinkle Tomar Singh

No comments:

Post a Comment

द्वार

1. नौ द्वारों के मध्य  प्रतीक्षारत एक पंछी किस द्वार से आगमन किस द्वार से निर्गमन नहीं पता 2. कहते हैं संयोग एक बार ठक-ठक करता है फिर मुड़ कर...