एक दिन तुम भी देखोगे
जिन पगडंडियों को रचते
हुये तुम आ गये हो
उन पर घास नही जमी है
रास्ते के अगल बगल
घास के तिनके
घास के फूल
चीयर लीडर बन के
तन के खड़े हैं, झूमते हैं
पीछे आने वालों के लिये
आत्मतृप्ति की चैन भरी साँस
यूँ भी आती है कभी कभी !
©® Twinkle Tomar Singh
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