कमर के नीचे का शरीर पैरालिसिस से बेकार हो चुका था। रोहन को लगता था गमले में लगे पौधे की परछाई उसे उसकी औकात बताने के लिये ही कमरे में आती है।
"देख तू गमले में लगा पौधा हो गया है। दूसरों की दया पर आश्रित।"
जब व्हीलचेयर पर बैठकर वो घर जाने लगा, उसने बाहर देखा वो अकेला हरा पौधा पूरे वातावरण को सकारात्मक बनाये हुये था। उसे लगा वो कितना गलत था।
घर आकर उसने बक्से से कैनवस, रंग और ब्रश निकलवाये। आज उसकी बनाई पेंटिंग्स बहुत घरों के ड्राइंगरूम में पॉजिटिविटी बिखेर रहीं हैं।
©® Twinkle Tomar Singh
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