Sunday 24 March 2019

अपना टाइम आ गया

अभी मैं सो कर उठी ही थी। आंखें मल रही थी, अंगड़ाइयों की कसरत शुरू की ही थी कि रसोई से कुछ गुनगुनाने की आवाज़ सुनाई थी। कानों पर जोर देकर सुना तो पता चला पतिदेव की आवाज़ है। वो एक गाना चला है न आजकल " अपना टाइम आयेगा' ...बस बस वही पूरे जोश, उल्लास, ख़ुशी, आनंद, रैप और बेसुरे आलाप के साथ गाया जा रहा था।

आधी जागी आधी सोई , बिस्तर छोड़कर मैंने मोबाइल फ़ोन हाथ में उठा कर किचेन की ओर प्रस्थान किया। देखा चाय तैयार हो चुकी थी और टोस्टर में ब्रेड डाल दी गयी थी। टोस्टर में ब्रेड का टोस्ट बनाते बनाते मेरी तरफ पति देव ने रहस्यभरी मुस्कान फेंकी और टोस्ट को टॉस किया। फिर मुठ्ठी तान तान कर नारे लगाने वाली स्टाइल में गाने कम चिल्लाने ज्यादा लगे - "अपना टाइम आयेगा, अपना टाइम आयेगा।'

मैंने सोचा आज इनका दिमाग पूरी तरह खराब हो गया है। एक तो मुझसे पहले उठ गये, दूसरा चाय, टोस्ट खुद बना रहे हैं, तीसरा इतने खुश है सुबह सुबह। खैर मैंने उफ़ करते हुऐ अपनी आंखें नाचायीं और इनको ऐसी नज़रों से देखा जैसे कि ये वास्तव में पागल हो गये हों, फिर अपने मोबाइल का लॉक खोला और वाट्सअप मेसेजेस चेक करने लगी।

फैमिली ग्रुप में पापा का एक टेक्स्ट पड़ा था। मेरा भाई 18 महीनों के बाद भारत आ रहा था तो पापा ने लिखा था तुम भी दो हफ्ते के लिये घर आ जाओ। मन मयूर ख़ुशी से नाच उठा। सारी सुस्ती जाती रही। तुरंत अपने भोले पतिदेव को मैंने आवाज़ लगायी और पूछा - "हनी, वो बड़ा वाला सूटकेस तुमने कहाँ रख दिया था ?"

मेरा इतना पूछना था कि वो हुर्रे चिल्लाते किचेन से बाहर आये , मुझे बड़ा जोर का इग्नोर मारा, मेरी बात का जवाब देना तो दूर रहा। अपना मोबाइल फ़ोन उठाया तुरंत अपने बेस्ट फ्रेंड को फ़ोन मिला दिया। कह रहे थे - " सनी, अपना टाइम आ गया साले।"

अब जाकर मुझे सारा मामला समझ आया।

ट्विंकल तोमर सिंह

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