कवितायें
जन्म लेती हैं
क्षोभ से !
नींव के लिये
चीरा लगे बिना
भूमि पर
इमारत भी तो
नही बनती!
Twinkle Tomar Singh
1. नौ द्वारों के मध्य प्रतीक्षारत एक पंछी किस द्वार से आगमन किस द्वार से निर्गमन नहीं पता 2. कहते हैं संयोग एक बार ठक-ठक करता है फिर मुड़ कर...
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