Saturday 6 July 2019

करियर वुमन थी अब बस माँ बनना चाहती हूं

तनीषा ने ये किट्टी ग्रुप क्यों जॉइन किया ? उसे ख़ुद पर हैरत होती है। उसे तो अकेले रहना पसंद था। इस बिल्डिंग में वो नई नई आयी थी। शायद सबको जानने के लिये समझने के लिये और सबसे दोस्ती बढ़ाने के लिये ही उसने ये किट्टी ग्रुप जॉइन कर लिया।

पड़ोस की मिसेज़ शर्मा ने बताया कि "वो एक किटी ग्रुप की सदस्य हैं। बड़ा मजा आता है। सब मिलकर हँस बोल लेते हैं। टाइम पास हो जाता है। और पैसों की बचत भी हो जाती है।" उनके जोर देने पर तनीषा ने थोड़ा सकुचाते हुये किट्टी ग्रुप जॉइन कर लिया। सामाजिक होना डिप्रेशन दूर करने का सबसे कारगर तरीका है। अब जो बीत गया सो बीत गया। यही सोच कर उसने लोगों से घुलना मिलना शुरू कर दिया था।

तेजस उसे बहुत प्यार देता, उसका ख़याल रखता था, पर वो दिन में उसके साथ नही रह सकता था। वो जानता था ख़ालीपन ,ख़लिश और बीती हुई दुःखद घटना तनीषा को कहीं अंदर ही अंदर तोड़ रही थी। इसीलिये उसने भी जोर दिया, किट्टी ग्रुप जॉइन करो, पार्क में टहलने जाया करो, सबसे मिला करो बात किया करो। कुछ कुछ तनीषा की कोशिश रंग ला रही थी।

आज दोपहर मिसेज़ शर्मा के घर किट्टी पार्टी थी। बिल्डिंग की सभी औरतें सज धज कर आई थीं। ऐसा लगता था जैसे कोई ब्यूटी कम्पटीशन होने जा रहा हो। किसी के कान का झुमका अदा से इतरा रहा था, तो किसी के गले का हार अपनी चमक से सबको फीका किये पड़े था। साड़ी, गाउन ड्रेस, सूट उफ़्फ़ पूछो मत बिना रैंप के फैशन शो होने वाला था। तनीषा ये सब देख कर मन ही मन मुस्कुरा रही थी। कहने को किट्टी पार्टी है पर सब दिखाना चाहतीं है कोई किसी से कम नही है। उसे थोड़ी उलझन भी हुई। इन सबके लिये तो उसने किट्टी ग्रुप जॉइन नही किया था न।

मिसेज़ शर्मा एक बहुत ही कुशल गृहिणी थीं। नाश्ते की उन्होंने बहुत ही अच्छी व्यवस्था की थी। सैंडविच, पेस्ट्री, कोल्ड कॉफी, रसगुल्ले, दही बड़े सब सजा कर उन्होंने अपनी काबिलियत का परचम लहरा दिया था। एक से बढ़कर एक पकवान। सबने ख़ूब मन से खाया और खुले दिल से तारीफ़ की।

जब सब खाना पीना, मिलना मिलाना, एक दूसरे के कपड़े गहनों की तारीफ़, सास ननद की बुराई निपट गयी तब बारी आई एक्टिविटी पार्ट की। आज ज्यादा समय नही था सबके पास तो ज़्यादा कुछ नही बहुत साधारण सी एक एक्टिविटी रखी गयी थी। सबको बताना था कि अगर आज उन्हें कोई करियर चुनने की स्वतंत्रता मिले तो वो कौन सा करियर चुनना चाहेंगीं? या ऑलरेडी अगर किसी करियर में है तो वो कौन सा करियर स्विच करना चाहेंगीं। करियर के साथ इसे चुनने का कारण बताना था और तीन मिनट इस पर बोलना था।

किसी ने कहा टीचर, किसी ने कहा डॉक्टर, किसी ने कहा इंजीनिअर। किसी ने कहा शेफ किसी ने कहा ब्यूटीशियन किसी ने कहा बुटीक चलाना कला का काम है। किसी किसी ने बड़े फनी से करियर भी बताये जैसे सुपर मैन, शक्तिमान, स्पाइडर मैन आदि। क्योंकि जितना काम उन्हें करना पड़ता है उतना काम कोई सुपर मैन ही कर सकता है। काफी हँसी ठठ्ठा हुआ इस पर।

अब तनीषा की बारी आयी। भीड़ में भी उसके अंदर एक तन्हाई चलती रहती थी। तनीषा भारी मन से उठ खड़ी हुई। न चाहते हुये भी उसके दिमाग में बीते समय की सारी घटनाओं की रील चलने लगी। एम बी ए  करके एक अच्छी कंपनी में कई सालों तक उसने जॉब किया था। करियर के चक्कर उसने ध्यान ही नही दिया कि हर एक चीज़ की एक उम्र होती है। उम्र निकल जाये तो करियर और पैसा भी कुछ काम नही आता। शादी देर से , फिर बच्चा और देर से प्लान किया, उसे प्रमोशन जो चाहिये था....इस देर के चक्कर में देर होती चली गयी....फिर बच्चा उसकी कोख में तो आया...पर कुछ दिनों का मेहमान बनकर। फिर यहाँ सिलसिला रुका नही....एक के बाद तीन तीन मिसकैरेज....आज वो जॉब से छुट्टी पर है। बस बच्चे की ही प्लानिंग पर लगी हुई है। सोचती है क्या मिला ऐसे करियर से जब स्त्री होकर भी पूर्ण न हो सकी।

आज एक तराजू पर कोई उसका करियर ,पैसा, तरक्की सब रख दे...बस दूसरी तरफ़ पलड़े में किसी भी तरह उसकी सूनी गोद भर जाये।

अपने भर आये मन को उसने बहुत मुश्किल से संभाला। सोच रही थी ये जो महिलायें हँसी खेल में करियर करियर खेल रहीं है इन्हें नही पता करियर के पीछे अंधी दौड़, महत्वकांक्षा इन सबसे कुछ हाथ नही आता। सब समय पर हो जाये तो ही नौकरी अच्छी है। वर्ना नौकरी करने की कहीं न कहीं कीमत चुकानी ही पड़ती है। अपने को वो संभाल न सकी। एक कंपनी की सी ई ओ, न मालूम कितनी बार स्टेज पर बोल चुकी होगी। पर यहाँ इस मामूली से मंच पर, साधारण सी महिलाओं के सामने बोलते हुये उसका गला रुंध गया। अपने को बहुत बटोर कर बस उसने इतना बोला - दुनिया में अगर किसी भी करियर को मुझे चुनना पड़े तो मैं एक माँ का करियर चुनना चाहूँगी.....मैं बस माँ बनना चाहती हूँ....और कुछ भी नही!

©® टि्वंकल तोमर सिंह

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