Friday 13 September 2019

दो हिस्से

"हमारे प्यार पर माता पिता की रज़ामन्दी की मुहर कभी नही लगेगी,सोचो मत,बस चली आओ जल्दी।"

"बिटिया,यूपीएससी का फ़ॉर्म भर रही हो न?"

दो हिस्सों में बँटी मैं!ज़ेहन में गूँजतीं दो आवाज़े!

अख़बार पलट रही हूँ-"हिन्दू लड़की को झांसा दिया,लव ज़िहाद का शिकार बनाया,दरिन्दों ने उसे हिन्दू होने की सज़ा दी।"...कहीं मैं भी....

"मैं यूपीएससी का फ़ॉर्म भर रही हूँ,पापा...इस साल।तैयारी भी तब तक अच्छी हो ही जायेगी।"मैंने पापा को आवाज़ दी।

"रिज़वान,चौबीस साल माता पिता ने पाला है।उनके आशीर्वाद के बिना विवाह आह बन जायेगा,मैं नही आ रही हूँ।"मैंने आख़िरी टेक्स्ट किया उसके मोबाइल पर।

©® ट्विंकल तोमर सिंह 

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