ठंडी रात में पार्टी से लौटते हुये तुमने अपना कोट उतार कर मेरे कंधे पर डाल दिया था। दाँत दोनों के ही किटकिटा रहे थे। ठंड तो तुम्हें भी लग रही होगी पर तुमने मेरे लिये सह ली। सच कहूँ मुझे बहुत अच्छा लगा था उस वक़्त तुमसे कमजोर रह जाना।
हनीमून पर सरसराती हवाओं के बीच पहाड़ियों पर हम चढ़ते जा रहे थे। तुमने शूज़ पहन रखी थी और मुझ बेवकूफ़ ने सैंडिल। तुमने मेरे हाथ अपने हाथों में मजबूती से थाम रखा था। तुम आगे आगे चल रहे थे मैं तुम्हारे पीछे पीछे। सच कहूँ मुझे बहुत अच्छा लग रहा था तुमसे पीछे रह जाना।
किसी स्टेशन पर भारी भरकम सामान का बोझा जब तुम ख़ुद उठा लेते हो। मुझे बस हल्की फुल्की पानी की बोतल और मेरे हैंड बैग तक सीमित कर देते हो। या कभी मैं कोशिश भी करूँ वजन उठाने की तो झिड़की देकर मेरे हाथ से वजनी बैग ले लेते हो कहते हो- " रहने दो तुम्हारे बस का नही." जानती हूँ तुम भी थक जाते हो पर फिर भी मुझे अच्छा लगता है तुमसे अशक्त रह जाना।
किसी मॉल में या किसी दुकान में कोई चीज़ खरीदते समय तुम फटाफट हिसाब लगा लेते हो,डिस्काउंट काउंट कर लेते हो। किस प्रोडक्ट पर फ़ायदा है किस पर नही। सेल्समैन कितना बेवकूफ़ बना रहा है। घर के बजट को अच्छे से मैनेज कर कर लेते हो। मुझे चिंता भी नही होती कि जिस महीने पैसे कम है उस महीने घर का खर्च कैसे चलेगा। जानती हूँ तुम बहुत टेंशन में रहते हो पर मुझे अच्छा लगता है गणितीय बुद्धि में तुमसे पीछे रह जाना।
कहीं जब हम घूमने गये हो। चारों ओर भीड़ ही भीड़ हो अच्छे लोगों की भी और बुरे लोगों की भी। तब किसी बुरी नज़र को मेरी तरफ़ ताकते हुये देखकर तुम अपना एक हाथ मेरे कंधे पर रखकर मुझे अपने समीप कस लेते हो। जैसे उस लोलुप आदमी को बताना चाहते हो- "दूर रहो। मैं इसके साथ हूँ इसका रक्षक।" सच कहूँ मुझे बहुत अच्छा लगता है उस वक़्त शारीरिक रूप से तुमसे कमजोर होना।
शादी के चार फेरे में तुम आगे थे वो पल मेरी ज़िंदगी के सबसे ख़ूबसूरत थे। उसी वक़्त शायद मैंने आत्मसमर्पण कर दिया था स्वयं को तुम्हारे सामने। शादी के आख़िरी तीन फेरों में मैं आगे थी। सच कहूँ मुझे बिल्कुल भी अच्छा नही लगा था तुमसे आगे चलना।
जब मैं एक्टिवा चलाती हूँ और तुम पीछे बैठ कर मेरी कमर थाम लेते हो। अपना सर प्यार से मेरे दायें कांधे पर रखकर चोरी से मुझे चूम लेते हो। हाँ बस उस एक पल मुझे अच्छा लगता है तुमसे आगे रहना।
Twinkle Tomar Singh
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