Friday, 21 February 2020

शिव शक्ति संवाद

वो उनकी आँखों में 
देखते हुए बोलीं-
आपके तीनों नेत्र 
कितने निष्पाप है, 
कितने सच्चे।
मानो सारी सृष्टि 
घूर्णन करती है 
इन पुतलियों में!

फिर कौतूहल से पूछा
और मेरे नैन ?


तेरे नैन कहाँ 
निष्पाप हैं प्रिये
छवि मेरी 
बंदी बना के रखते हैं
घोर अपराधी हैं ये! 

शिव-पार्वती संवाद

टि्वंकल तोमर सिंह,
लखनऊ। 

चित्र: साभार गूगल


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