Friday, 17 July 2020

दावानल

जिन्हें चाहिए क्रांति का दावानल
उनके हिस्से आएंगे तिनके और पत्थर
वो आग जलाएंगे
और पत्थर भीतर रख लेंगे पल पल

जिन्हें नहीं कुछ विशेष अग्नि की चाह
उन्हें भी मिलेंगे तिनके और पत्थर
वो पत्थर पूजेंगे
और तिनके चूल्हे में जलाएंगे सकल

यही दावानल बढ़ने पर कहेंगे
आह...कितना पक्षपात है संसार में !

~टि्वंकल तोमर सिंह,लखनऊ। 


No comments:

Post a Comment

रेत के घर

दीवाली पर कुछ घरों में दिखते हैं छोटे छोटे प्यारे प्यारे मिट्टी के घर  माँ से पूछते हम क्यों नहीं बनाते ऐसे घर? माँ कहतीं हमें विरासत में नह...