#भुवनमोहिनी
स्वर्ग के सारे आनंद
विवर्ण हो जायें
यमपुरी के सारे नियम
ढीले पड़ जायें
काँस के रेशों को
फूँक मारकर जब
उड़ा देती है वो
जिसे पाटल हथेली भर
कभी मिले ही नहीं
उसके अधरों पर धरा
निर्दोष मंदहास
संगीत सिद्ध देवदूतों के
वृन्दवादन को फीका
कर आता है!
~ टि्वंकल तोमर सिंह,लखनऊ।
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