रात कभी भी
रंग नहीं छीन लेती...
स्याह दृश्यों को चाहिए
थोड़ा सा उजाला...
और थोड़ा सा दृष्टिकोण!
जीवन जीवशाला है
अँधेरी कोठरी...कभी नहीं..कभी नहीं...
~ टि्वंकल तोमर सिंह
1. नौ द्वारों के मध्य प्रतीक्षारत एक पंछी किस द्वार से आगमन किस द्वार से निर्गमन नहीं पता 2. कहते हैं संयोग एक बार ठक-ठक करता है फिर मुड़ कर...
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