Friday 4 January 2019

चतुर अभौतिक वैज्ञानिक

पूर्ण और शुद्ध दुःख
असंभव है मानव देह में

पूर्ण और शुद्ध आनंद
भी संभव नही इस देह में !

भाप बने अणु त्याग देते हैं
खौलते द्रव के तट को

पराकाष्ठा को प्राप्त करते हैं
गतिज ऊर्जा के वेग से !

न पूर्ण रूप से दुःख में खौलने देगा
न ही आनंद के पलों में उबाल देगा

मोक्ष के मार्ग से भटकाया है
चतुर अभौतिक वैज्ञानिक ने !

©® Twinkle Tomar Singh

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